परिचयः भारतीय जनता की महाअदालत जनता का, जनता द्वारा और जनता के हितो की रक्षा के लिए बनाया गया एक तंत्र है। न्यायिक प्रक्रिया में यह एक महत्वपूर्ण तंत्र है, जो प्रमुख सरकारी संस्थानों और न्यायालयों से संबंधित व्यापक सार्वजनिक हित के मुद्दों को संबोधित करता है।
1. महाअदालत के महासचिव द्वारा जनहित के विषयों की निगरानी:
भारतीय जनता के महाअदालत के महासचिव इन प्रक्रियाओं की साख और प्रभावशीलता बनाए रखने में सक्रिय भूमिका निभाते हैं। उनकी प्रमुख जिम्मेदारियों में सरकारी संस्थानों और न्यायालयों द्वारा की जा रही व्यापक सार्वजनिक हित संबंधित गतिविधियों पर निरंतर निगरानी रखना और उनकी समीक्षा करना शामिल है। इसे एक समर्पित कोअर समिति (National Core Committee – NCC) के माध्यम से पूरा किया जाता है।
2. सुनवाई के लिए मुद्दों का चयन:
कोर समिति (NCC) द्वारा पूरी तरह से समीक्षा और मूल्यांकन के बाद कुछ महत्वपूर्ण मुद्दे चुने जाते हैं। इन चयनित मुद्दों को फिर भारतीय जनता के महाअदालत के पैनल जज Panel Judge (PJ)’ के ध्यान में लाया जाता है।
3. जनसुनवाई:
अति आवश्यक और चुने हुए मामलों के लिए सार्वजनिक सुनवाई का आयोजन करने का विवेकाधिकार ‘ पैनल जज (PJ)’ के पास है। ये सुनवाइयाँ पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए आयोजित की जाती हैं, जहाँ दोनों पक्षों के संभावित तर्क प्रस्तुत और मूल्यांकित किए जाते हैं।
4. मामले की सुनवाई के बाद के दिशानिर्देश और क्रियावलियां:
एक मामला प्रस्तुत होने और सुना जाने के बाद, उसमे अन्याय को दूर करके सही न्याय दिलाने और व्यापक जनहितो की रक्षा के उपायों के लिए आगे कैसे बढ़ना है इस पर ‘पैनल जज (CPJ) ‘ दिशानिर्देश प्रदान करते हैं। ये दिशानिर्देश मामले पर आगामी क्रियावलियों के लिए मार्गदर्शिका बनाते हैं, यथासम्भव प्रक्रिया का पालन सुनिश्चित करते हैं।