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अगर आप निर्दोष हैं और सही राह पर भी हैं फिर भी आप पर अन्याय हो रहा है  तथा  कुछ संविधान विरोधी,  भ्रष्ट, पक्षपाती, अकर्मण्य घमंडी, चापलूस, अत्याचारी सरकारी अधिकारियो, न्यायाधीशों और यहां तक कि ‘चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया’ ने भी आप पर अगर अन्याय किया है या फिर आपको सही न्याय नहीं दिया है।

अगर अत्याचारियो के पद और शक्ति के सामने आपकी सच्ची और सही बात नही सुनी जा रही है और सामने वाले की गलत, गैरकानूनी और झूठी बातो को सुनकर उनके पक्ष में निर्णय दिया गया हैं और अभीभी अन्याय जारी हैं।

तो निराश मत होइये :-

भारतीय संविधान मे और देश की कानून व्यवस्था में अन्याय को दूर करके पूर्ण न्याय करने का और, दोषी अधिकारियो, जजेस, मंत्रियों . के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करके उन्हे जेल भेजने तक का प्रावधान हैं।

तथा इस बारे में सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के न्यायप्रिय और ईमानदार जजो ने कई महत्वपूर्ण निर्णय और निर्देश दिए है !

जनताको उन सब बातो की जानकारी करवाने तथा व्यापक जनहितो के मुद्दों पर अन्याय दुर करके न्याय दिलवाने के लिए सहायक जनमित्र के रूप मे ‘भारतीय जनता की महाअदालत’ (Citizens’ Court of India) की स्थापना की गयी है।

इस अदालत की स्थापना भारतीय संविधानाके  अनुच्छेद 51(A), (h), (j), (c), (e), (i) व 19(a), (b), (c)  और युनो द्वारा निर्मीत ‘इंटरनेशनल कोव्हेनंट व सिव्हिल अँड पॉलिटिकल राईट्स – 1966(ICCPR)  के  अनुच्छेद  19(1) &(2) के प्रावधानों के तहत की गयी हैं।

आइए भारत के साथ ही युग निर्माण के इस ऐतिहासिक जन-आंदोलन का हिस्सा बनिये. मातृभूमि और मानवता के प्रति अपने कर्त्तव्य को पूरा करें और अपने और लिए आनेवाली पीढ़ियों के लिए एक ‘न्यायप्रिय, समृद्धशाली और विश्वगुरु भारत देश’ के नवनिर्माण मे तन- मन- धन से सहयोग करें।

सारे भ्रष्ट, संविधानविरोधी और अत्याचारियो की बिरादरी को बता दीजिए।

कायदे मे रहोगे,

तो हीं फायदे मे रहेंगे।।

जो न्याय की बात करेंगा,

वही देश पे राज करेंगा ।।

जय हिंद, जय भारत!!

अधिक जानकारी के लिए भारतीय जनता की महाअदालत की वेबसाईट देखे :

वेबसाईट :- www.citizenscourtofindia.com

व्यापक जनहितो वाली शिकायते निम्नलिखित ई मेल पर भेजे:-

ई मेल:- grievance@citizenscourtofindia.com